50 हजार में लड़ना होगा ग्राम प्रधान का चुनाव

         देहरादून। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ;हरिद्वार को छोड़करद्ध के लिए प्रत्याशियों की अधिकतम चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी गई है। इसके अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य 10 हजारए प्रधान 50 हजारए सदस्य क्षेत्र पंचायत 50 हजार और सदस्य जिला पंचायत अधिकतम 1ण्40 लाख रुपये ही खर्च कर पाएंगे। इसके अलावा आयोग ने बीते वर्ष आय.व्यय का ब्योरा न देने वाले 15368 प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी है। प्रदेश में अक्टूबर में पंचायत चुनावों के लिए मतदान होना है। इसके लिए आयोग ने प्रत्याशियों के चुनाव लडऩे की खर्च सीमा तय कर दी है। इसमें ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक के पद पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा तय की गई है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि परिणाम घोषणा के 30 दिनों के भीतर प्रत्याशियों को निर्वाचन व्यय विवरण का रजिस्टर पंचस्थानी चुनाव कार्यालय में जमा करना होगा। चुनाव परिणाम घोषित होने के 90 दिन बाद जो यह विवरण प्रस्तुत नहीं करेगाए उसे अगले छह वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। बीते पंचायत चुनावों में 15368 प्रत्याशी ऐसे थे जिन्होंने आय व्यय का ब्योरा प्रस्तुत नहीं किया। इस कारण अब वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इनमें प्रधान पद के 9352ए क्षेत्र पंचायत सदस्य के 5197ए जिला पंचायत सदस्य के 768ए जिला पंचायत अध्यक्ष के एकए क्षेत्र पंचायत प्रमुख के 16ए ज्येष्ठ उप्रमुख के 19 और कनिष्ठ उपप्रमुख पदों के 15 लोग शामिल हैं। इनमें कई सूरमा भी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों में सोशल मीडिया के प्रयोग के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कोई भी प्रत्याशी व उनके समर्थन सोशल मीडिया ;फेसबुकए ट्वीटरए यूट्यूबए इंस्टाग्राम एवं व्हाटसएप आदिद्ध के माध्यम से ऐसे किसी संदेश का प्रचार प्रसार नहीं करेंगे जिसमें धार्मिकए जातीय भावनाओं एवं सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो। इसके अलावा प्रत्याशी एवं प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार.प्रसार सामग्री कोई भी सूचना सोशल मीडिया में जारी करने से पहले जिला निर्वाचन अधिकारी से पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक होगा। इसमें होना वाला व्यय भी उम्मीदवार के चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा। शासन ने ग्राम पंचायत देवला तल्ला के बागजवाला क्षेत्र के निवासियों के नाम पंचायत निर्वाचक नामावली में शामिल करने की संस्तुति की है। अब आयोग को इस पर फैसला लेना है। शासन ने ग्राम पंचायत देवला तल्ला में वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बागजवाला के निवासियों का नाम मतदाता सूची में शामिल करने को अपनी सहमति दे दी है। शासन ने कहा है कि किसी भी नागरिक को मतदान से रोकना उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। इस कारण ग्राम पंचायत के निकट वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के नाम भी मतदाता सूची में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है।