देहरादून। राज्य में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर राजभवन ने गहरी चिंता जताई है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सचिव स्वास्थ्य नितेश झा और महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ आरके पांडेय को राजभवन तलब कर प्रदेश में डेंगू की स्थिति और अब तक की कार्रवाई की जानकारी ली। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि डेंगू पीड़ितों का पूरा ध्यान रखा जाए और उनके उपचार में कोई कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि डेंगू टेस्ट के लिए निजी पैथालॉजी लैबों में लिए जाने वाले शुल्क और उनकी जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता पर नजर रखी जाए। उन्होंने सरकारी स्तर पर अधिक से अधिक मुफ्त जांच केंद्र स्थापित करने या मुफ्त जांच की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने निजी लैब की जांच रिपोर्ट में डेंगू पाए जाने पर उसका मानदंडों के अनुरूप सत्यापन करने के निर्देश भी दिए। ताकि लोगों में अनावश्यक भय और चिंता का माहौल न बने। डेंगू पर राजभवन की सक्रियता से शासन में हड़कंप है। राजभवन पहुंचे सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने राज्यपाल को बताया कि डेंगू के निदान तथा रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। डेंगू रोग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए देहरादून जिले में तीन वनैनीताल में एक अतिरिक्त निशुल्क जांच केंद्र स्थापित किया गया है। देहरादून में 100 टीमें बनाकर घर.घर जाकर डेंगू रोग को रोकने व जन जागरूकता की कार्रवाई की जा रही है। नैनीताल जिले के डेंगू प्रभावित हल्द्वानी शहरी एवं मोटाहल्दू क्षेत्र में विभाग द्वारा 326 आशाए 41 एनएनएमए 23 आशा फैसीलीटेटरए 2 ब्लॉक आशा कोर्डिनेटर एवं 10 सुपरवाईजर की टीमें बनाकर इन्दिरानगरए जवाहर नगरए बनफूलपुराए डहरिया के 36320 घरों में जाकर डेंगू के लार्वा पनपने के स्थानों को नष्ट कर लोगों को जागरूक किया गया। देहरादून एंव नैनीताल जिलों में दो.दो अतिरिक्त अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों की नियुक्ति की गई है। अभी तक भर्ती एवं गंभीर मरीजों में केवल 8 प्रतिशत को प्लेटलेट्स देने की आवश्यकता आयी है। देहरादून में 2098ए हरिद्वार में 104ए नैनीताल में 958ए पौड़ी में 12ए टिहरी में 15ए ऊधमसिंहनगर में 72ए अल्मोड़ा में 8ए चंपावत तथा रूद्रप्रयाग में एक.एक डेंगू के प्रकरण दर्ज हुए हैं। प्रदेश में डेंगू से अभी तक कुल 05 लोगों की मृत्यु हुई है। पूरे प्रदेश में अस्पतालों में 315 आइसोलेशन बेड उपलब्ध हैं। डेंगू का डंक गहराता ही जा रहा है। आए दिन डेंगू के नए मरीज सामने आने से स्वास्थ्य महकमा हलकान है। वहीं घातक होता वायरस का स्ट्रेन मरीजों की जान भी ले रहा है। ताजा रिपोर्ट में प्रदेश में 154 और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 85 मरीज देहरादून से हैं। नैनीताल में 54 और ऊधमसिंह नगर में 15 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। बता देंए प्रदेश में अब तक 3423 लोगों को डेंगू डंक मार चुका है। जबकि अब तक इस बीमारी से 11 मरीजों की जान भी जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिकए इस बार देहरादून के अलावा नैनीतालए हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में डेंगू का मच्छर ज्यादा कहर बरपा रहा है। देहरादून में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 2183 हो गई है। नैनीताल में 1012ए हरिद्वार में 104 व ऊधमसिंह नगर में अब तक 87 मरीजों को डेंगू का डंक लग चुका है। अन्य जनपदों की बात करें तो टिहरी में अब तक 15ए पौड़ी गढ़वाल में 12ए अल्मोड़ा में आठ और चंपावत व रुद्रप्रयाग में एक.एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। खास बात यह कि सुबह व रात को मौसम में ठंडक के बाद भी डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ती जा रही है। क्योंकि डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए विभागीय स्तर पर पूर्व में की गई तैयारियां नाकाफी साबित हुई हैं। विभागीय स्तर पर गठित टीमें घर.घर पहुंचकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और लार्वा सर्वे भी किया जा रहा है। जिन घरों में मच्छर का लार्वा मिल रहा हैए उसको नष्ट किया जा रहा है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी उपचार की समुचित सुविधा मिल रही है। बताया गया कि डेंगू से पीडि़त 3020 मरीज ठीक हो चुके हैं। जबकि विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में वर्तमान में 403 डेंगू के मरीज भर्ती हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती डेंगू के मरीजों का हाल जाना। साथ ही अस्पताल प्रबंधन से मरीजों को दिए जाने वाले उपचार की जानकारी भी ली। चिकित्सा अधीक्षक डॉण् केके टम्टा ने उन्हें बताया कि अस्पताल में डेंगू के 32 मरीज भर्ती हैं। नए मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था है। बताया कि अधिकांश मरीज स्वास्थ्य लाभ लेकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।
उत्तराखंड में डेंगू को लेकर राजभवन सक्रिय