देहरादून। आयुर्वेद विश्वविद्यालय से सम्बद्ध निजी आयुष शिक्षा कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ लम्बे समय से आन्दोलनरत छात्रों ने फीस बढ़ोत्तरी को तत्काल प्रभाव से वापस लिये जाने की मांग को लेकर अपने आमरण अनशन को आठवें दिन जारी रखा और इस अवसर पर अनशनरत छात्रों के स्वास्थ्य में गिरावट आ गई है लेकिन वह अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं है। इस अवसर पर छात्रों के अभिभावक भी उनके समर्थन में धरने पर बैठे और उन्होंने क्रमिक अनशन आरंभ कर दिया और कहा कि इस मामले में सरकार को तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप करना चाहिए, जिससे छात्रों को अहित न हो सके। यहां आयुष के छात्र परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल में इकठठा हुए और वहां पर उन्होंने अपनी मांगों के समाधान के लिए अपने आमरण अनशन को जारी रखा। इस अवसर पर छात्रों के अभिभावक भी धरने पर बैठे और उन्होंने अपना क्रमिक अनशन आरंभ किया और कहा कि सरकार शीघ्र ही न्यायालय के आदेश का पालन कर छात्रों को न्याय दिलाने का काम करें और आज छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है लेकिन उनके हितों के लिए कोई ठोस काम सरकार नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए अन्यथा इसके लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन को तेज करेगी। इस अवसर पर छात्रों ने अपनी मांगों को न्यायोचित बताते हुए कहा कि निजी आयुष शिक्षा कॉलेजों द्वारा हठधर्मिता अपनाते हुए उच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है, जिसे किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि निजी आयुष कॉलेजों द्वारा लगातार छात्रों का उत्पीड़न किया जा रहा है तथा नियमों के विरूद्ध छात्रों पर बढ़ा हुआ शुल्क जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है लेकिन राज्य सरकार मौन धारण किये हुए है। इस अवसर पर छात्रों ने कहा कि सरकार को तत्काल इस पर कार्यवाही करने की जरूरत है। छात्रों ने कहा कि जल्द ही मेडिकल की फीस में कटौती नहीं की गई तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। छात्रों ने कहा कि 80 हजार रूपये से फीस को बढ़ाकर सवा दो लाख किया गया है और जबकि उच्च न्यायालय ने बढ़ी हुई फीस को वापस देने के आदेश दिये लेकिन अभी तक इस ओर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंता का विषय है। उनका कहना है कि सरकार इस दिशा में किसी भी प्रकार की कोई ठोस नीति नहीं अपना रही है जिससे छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय बन रहा है। इस अवसर पर इस अवसर पर अनेकों छात्र छात्रायें व अभिभावक शामिल थे।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में छात्रों का आमरण अनशन आठवें दिन भी जारी